मनुष्य भटका हुआ देवता है-पं राम शंकर मिश्र

सांडी,हरदोई -संडीला तहसील के ग्राम घुमना खेड़ा में चल रहे नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण पवन के दूसरे दिन शांतिकुंज की टोली में आये राम शंकर मिश्र ने अपने उद्बोधन में बताया कि व्यक्ति भटका हुआ देवता है। आज मानो अपने पद से भटक गया है उसका चिंतन दूषित हो गया है वह करने योग्य कार्य न करने वाले कार्य करता है चला जा रहा है। अपने हित के लिए दूसरों का अहित करने में तोड़ी  भी देर नहीं लगाता।उचित चिंतन से ग्रसित हो गया है।उन्होंने कहा कि इसके चिंतन चरित्र संवारने का मुख्य उपाय गायत्री उपासना व गायत्री महायज्ञ ही है ।इसके द्वारा परिवार व समाज की दिशा धारा को बदला जा सकता है। प्रातः काल यज्ञ करने के पूर्व ओपी सिंह ने गुरु वंदना,"गुरु तेरे चरणों में स्वर्ग पा लिया है,

"मातृ वंदना ,तेरे चरणों में हम शीश झुकाते हैं" गाकर सभी उपस्थित जन समुदाय को भाव विभोर कर दिया। टोली नायक राम शंकर मिश्र ने यज्ञ को सृष्टि की उत्पत्ति का आधार बताया। इसमें तीन चरण विशेष महत्व के हैं।पहला समती करण,दूसरा देव पूजन ,तीसरा दान की क्रिया निहित है। यही मानव जीवन का आधार है। मंच का संचालन आर वी शर्मा के संरक्षण में किया गया। मुख्य रूप से श्रीराम यादव सुरेश यादव ,हरनाम सिंह यादव ,शिवदत्त यादव, रामचंद्र जी,रामानुज यादव, राजपाल यादव आदि भारी संख्या में लोगों ने यज्ञ में आहुतिया समर्पित कीं।